“अडानी ग्रुप पर निवेशकों का भरोसा कायम “-  लगभग सभी शेयर हरे निशान पर बंद हुए 

अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से लगातार कम्पनी के शेयरों में दबाव में होने के बाद भी अडानी ग्रुप पर निवेशकों का भरोसा कायम – आज लगभग सभी शेयर हरे निशान पर बंद हुए

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) ने कहा की निवेशक घबराएं नहीं हमारे पास पैसों की कोई कमी नहीं है। कर्ज चुकाने के लिए हमारे पास पर्याप्त फंड है और बैलेंस शीट बहुत मजबूत है। उन्होंने कहा कि हम कंपनी की ग्रोथ पर फोकस कर रहे हैं।

अडानी समूह ने अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट द्वारा अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को झूठ बताते हुए उन्हें एक सिरे से खारिज कर दिया है। 

तिमाही नतीजों के बाद अडानी ग्रुप के मुख्य वित्त अधिकारी जुगशिन्दर रॉबी ने निवेशकों के साथ चर्चा करते हुए उन्हें भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा, हमारे पास पर्याप्त नकदी है और हम अपने कर्जों को चुकाने की क्षमता रखते हैं। अडानी ग्रुप की ओर से बैलेंस शीट मजबूत होने की बात ऐसे समय में कही गई, जबकि गुरुवार  को स्टॉक मार्केट में कारोबारी सत्र के दौरान अडानी ग्रुप की दो कंपनियों अडानी विल्मर और अडानी पॉवर में अपर सर्किट लगा था और चार कंपनियों के शेयर हरे निशान पर कारोबार करते हुए नजर आए। 

 इन्वेस्टर्स से चर्चा के दौरान अडानी ग्रुप के मुख्य वित्त अधिकारी ने कहा की शेयरों में जारी गिरावट अस्थाई है। कंपनी की नींव मजबूत है।  हमारा ध्यान बाजार के उतार-चढ़ाव में कारोबार की रफ्तार जारी रखने पर केंद्रित हैं। मार्केट स्थिर होने पर समीक्षा करेंगे। 

अडानी समूह ने निवेशकों से कहा है कि अडाणी एंटरप्राइजेज ने हमेशा  शेयरधारकों को फायदा दिलाने के लिए ही कार्य किया है। हमें  पिछले पच्चीस वर्षों से सुनियोजित और अनुशासित तरीके से पैसा लगाने का अनुभव है, हमारी मेहनत और अनुशासन की वजह से इन पच्चीस वर्षो की अवधि में अडाणी समूह की कंपनियां कई क्षेत्रों में लीडर बनकर उभरी हैं।

अब अडानी समूह ने एक बार फिर से निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश की है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप को आर्थिक तौर पर भारी नुकसान हुआ है।  इसलिए कंपनी अभी नए सौदे को लेकर सोच समझ कर फैसले ले रही है.

 पहले अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा जारी अब तक के सबसे बड़े फॉलो-अप-ऑफर यानी (FPO) से  कंपनी  20 हजार करोड़ रुपये जुटाना चाहती थी, हालांकि 27 जनवरी से लेकर 31 जनवरी तक खुले हुए इस FPO को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था. लेकिन अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने बताया कि बोर्ड ने बाजार में जारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए शेयरहोल्डर्स के हित में FPO को कैंसिल करने का निर्णय लिया.

इसी प्रकार  पिछले साल अडानी पावर ने एक बड़ी डील (करीब 7017 करोड़ रुपये) की थी, जिसे  भी अब कैंसिल कर दिया है. हालिया अपडेट अनुसार अडानी पावर मध्य भारत में एक कोयला संयत्र परियोजना डीबी पावर को खरीदने की योजना से पीछे हट गई है। अडानी समूह को 15 फरवरी 2023 तक डीबी पावर के अधिग्रहण के लिए ट्रांजैक्शन पूरा करना था, जिसको आपसी सहमति से डील रद्द कर दी है

हालांकि इस डील को टूटने से अडानी समूह के विस्तार योजना को झटका जरूर लगा है और आर्थिक तौर पर  नुकसान भी हुआ है लेकिन हमें लगता है की कम्पनी सभी तरह की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है। 

अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों को तगड़े झटके तो लगे हैं और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ में भारी गिरावट आई है. लेकिन अडानी ग्रुप जो  समझदारी भरे बड़े फैसले ले रहा है यह फैसले निवेशकों में विश्वास जगाने लायक हैं और अभी भी अडानी ग्रुप पर निवेशकों का भरोसा कायम है।

Leave a Comment

Rajnikant movie‘Jailer’Review Suryakumar Yadav विंबलडन 2023 चैम्पियन कार्लोस अल्कारोज़